ई-श्रम कार्ड: एक विस्तृत मार्गदर्शिका
परिचय
भारत में असंगठित श्रमिकों के कल्याण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, श्रम और रोजगार मंत्रालय ने 26 अगस्त, 2021 को ई-श्रम पोर्टल लॉन्च किया। इस पहल का उद्देश्य असंगठित श्रमिकों का राष्ट्रीय डाटाबेस बनाना और उन्हें विभिन्न लाभों और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं तक पहुंच प्रदान करना है। ई-श्रम कार्ड इस कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण तत्व है, जो देश भर में लाखों श्रमिकों को कई फायदे प्रदान करता है। इस विस्तृत मार्गदर्शिका में, हम ई-श्रम कार्ड की पेचीदगियों का पता लगाएंगे, इसके लाभों, पंजीकरण प्रक्रिया और असंगठित श्रमिकों के जीवन पर इसके प्रभाव की जांच करेंगे।
Contents In the Article
भारत में असंगठित क्षेत्र
परिभाषा और दायरा
भारत में असंगठित क्षेत्र उन श्रमिकों की एक विशाल श्रृंखला को शामिल करता है जो औपचारिक रोजगार व्यवस्था के तहत नहीं आते। इसमें कृषि मजदूर, स्ट्रीट वेंडर, घरेलू कामगार, निर्माण श्रमिक और कई अन्य शामिल हैं जिनके पास सामाजिक सुरक्षा लाभों और औपचारिक रोजगार अनुबंधों तक पहुंच नहीं होती। अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) के अनुसार, भारतीय कार्यबल का 80% से अधिक असंगठित क्षेत्र में कार्यरत है।
असंगठित श्रमिकों द्वारा सामना की जाने वाली चुनौतियाँ
असंगठित श्रमिक कई चुनौतियों का सामना करते हैं, जिनमें नौकरी की सुरक्षा का अभाव, अनियमित आय, सामाजिक सुरक्षा लाभों का अभाव और खराब कार्य स्थितियाँ शामिल हैं। वे अक्सर औपचारिक बैंकिंग और वित्तीय प्रणालियों से बाहर होते हैं, जिससे उन्हें ऋण, बीमा और अन्य वित्तीय सेवाओं तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा, एक व्यापक डाटाबेस की अनुपस्थिति के कारण, सरकार के लिए इस श्रमिक वर्ग तक कल्याणकारी योजनाएँ और लाभ पहुँचाना चुनौतीपूर्ण होता है।
ई-श्रम पोर्टल का परिचय
ई-श्रम पोर्टल के उद्देश्य
ई-श्रम पोर्टल का उद्देश्य असंगठित श्रमिकों द्वारा सामना की जाने वाली चुनौतियों को दूर करना है, जो उनकी जानकारी को कैप्चर करके एक केंद्रीकृत डाटाबेस बनाता है और उन्हें एक अद्वितीय पहचान संख्या प्रदान करता है। ई-श्रम पोर्टल के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं:
- राष्ट्रीय डाटाबेस बनाना: पूरे भारत में असंगठित श्रमिकों का एक व्यापक डाटाबेस संकलित करना।
- सामाजिक सुरक्षा लाभ प्रदान करना: असंगठित श्रमिकों को विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं और लाभों तक पहुंच सुनिश्चित करना।
- आपातकालीन सहायता की सुविधा: आपात स्थिति और प्राकृतिक आपदाओं के दौरान सहायता प्रदान करना।
- वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना: असंगठित श्रमिकों को औपचारिक बैंकिंग प्रणाली में एकीकृत करना।
ई-श्रम पोर्टल की विशेषताएं
ई-श्रम पोर्टल कई विशेषताएं प्रदान करता है जो इसे असंगठित श्रमिकों के लिए एक मूल्यवान उपकरण बनाती हैं:
- स्वयं पंजीकरण: श्रमिक बिना किसी बिचौलिये के पोर्टल पर स्वयं पंजीकरण कर सकते हैं।
- अद्वितीय पहचान संख्या: प्रत्येक पंजीकृत श्रमिक को 12 अंकों की यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) के साथ एक अद्वितीय ई-श्रम कार्ड प्राप्त होता है।
- लाभों तक पहुंच: पंजीकृत श्रमिक विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं और लाभों तक पहुंच सकते हैं।
- उपयोगकर्ता-मित्रवत इंटरफेस: पोर्टल को उपयोगकर्ता-मित्रवत डिजाइन किया गया है, जिसमें कई भाषा विकल्प और आसान नेविगेशन है।
ई-श्रम कार्ड के लाभ
सामाजिक सुरक्षा लाभ
ई-श्रम कार्ड का एक प्रमुख लाभ सामाजिक सुरक्षा लाभों तक पहुंच है। इन लाभों में शामिल हैं:
- बीमा कवरेज: श्रमिक प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY) के तहत आकस्मिक बीमा कवरेज के पात्र हैं। दुर्घटनावश मृत्यु या विकलांगता की स्थिति में, बीमित श्रमिक या उनके परिवार को वित्तीय सहायता मिलती है।
- पेंशन योजनाएँ: ई-श्रम कार्ड विभिन्न पेंशन योजनाओं तक पहुंच प्रदान करता है, जो श्रमिकों के बुढ़ापे में वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
- स्वास्थ्य लाभ: पंजीकृत श्रमिक आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं के तहत स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं, जो कैशलेस अस्पताल में भर्ती और चिकित्सा उपचार प्रदान करता है।
वित्तीय समावेशन
ई-श्रम कार्ड असंगठित श्रमिकों को औपचारिक बैंकिंग प्रणाली में एकीकृत करके वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देता है। इससे निम्नलिखित तक पहुंच की सुविधा मिलती है:
- बैंकिंग सेवाएं: श्रमिक बैंक खाते खोल सकते हैं, ऋण के लिए आवेदन कर सकते हैं और अन्य बैंकिंग सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं।
- डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT): सरकार के लाभ और सब्सिडी सीधे पंजीकृत श्रमिकों के बैंक खातों में स्थानांतरित किए जाते हैं, जिससे समय पर और बिना किसी परेशानी के वितरण सुनिश्चित होता है।
रोजगार के अवसर
ई-श्रम पोर्टल असंगठित श्रमिकों और संभावित नियोक्ताओं के बीच एक पुल के रूप में कार्य करता है। यह श्रमिकों को रोजगार के अवसर खोजने में मदद करता है:
- नियोक्ताओं से जुड़ना: नियोक्ता विभिन्न नौकरी भूमिकाओं के लिए उपयुक्त उम्मीदवार खोजने के लिए डाटाबेस तक पहुंच सकते हैं।
- कौशल विकास कार्यक्रम: पोर्टल कौशल विकास कार्यक्रमों और प्रशिक्षण के अवसरों के बारे में जानकारी प्रदान करता है, जिससे श्रमिकों की रोजगार योग्यता बढ़ती है।
सरकारी योजनाओं तक पहुंच
पंजीकृत श्रमिक उन योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं, जो उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार करने के लिए सरकार द्वारा चलाई जाती हैं। इन योजनाओं में शामिल हैं:
- आवास योजनाएँ: प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) जैसी योजनाओं के तहत किफायती आवास के लिए सहायता।
- शिक्षा योजनाएँ: श्रमिकों के बच्चों की शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति और वित्तीय सहायता।
- स्वास्थ्य योजनाएँ: आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं के तहत स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच।
ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण प्रक्रिया
पात्रता मानदंड
ई-श्रम कार्ड के लिए पंजीकरण करने के लिए, असंगठित श्रमिकों को निम्नलिखित पात्रता मानदंडों को पूरा करना होगा:
- आयु सीमा: श्रमिक की आयु 16 से 59 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- रोजगार स्थिति: श्रमिक को असंगठित क्षेत्र में कार्यरत होना चाहिए और किसी भी सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत कवर नहीं किया गया हो।
- आधार कार्ड: पंजीकरण के लिए आधार कार्ड अनिवार्य है।
पंजीकरण प्रक्रिया
ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण की प्रक्रिया सरल और उपयोगकर्ता-मित्रवत है। इसे निम्नलिखित चरणों में विभाजित किया जा सकता है:
- पोर्टल पर लॉगिन करें: सबसे पहले, श्रमिक को ई-श्रम पोर्टल (eshram.gov.in) पर लॉगिन करना होगा।
- स्वयं पंजीकरण लिंक पर क्लिक करें: होमपेज पर ‘स्वयं पंजीकरण’ लिंक पर क्लिक करें।
- आधार विवरण दर्ज करें: आधार कार्ड नंबर और कैप्चा कोड दर्ज करें, और ‘भेजें’ बटन पर क्लिक करें।
- ओटीपी सत्यापन: पंजीकृत मोबाइल नंबर पर प्राप्त ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) को दर्ज करें।
- व्यक्तिगत जानकारी दर्ज करें: ओटीपी सत्यापन के बाद, श्रमिक को व्यक्तिगत जानकारी जैसे नाम, जन्म तिथि, पता, आदि दर्ज करनी होगी।
- बैंक विवरण: बैंक खाता संख्या और IFSC कोड दर्ज करें।
- पेशे की जानकारी: अपने पेशे और कार्य का विवरण दर्ज करें।
- अंतिम सबमिशन: सभी जानकारी सही तरीके से भरने के बाद, ‘सबमिट’ बटन पर क्लिक करें।
पंजीकरण प्रक्रिया पूरी होने के बाद, श्रमिक को एक अद्वितीय 12 अंकों की यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) प्राप्त होगा, जो ई-श्रम कार्ड के रूप में कार्य करेगा।
पंजीकरण के बाद के लाभ
पंजीकरण के बाद, श्रमिकों को निम्नलिखित लाभ मिलते हैं:
- तुरंत बीमा कवरेज: पंजीकरण के तुरंत बाद, श्रमिक प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY) के तहत बीमा कवरेज के पात्र हो जाते हैं।
- सरकारी योजनाओं की जानकारी: पंजीकृत श्रमिक विभिन्न सरकारी योजनाओं और उनके लाभों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
- आर्थिक सहायता: प्राकृतिक आपदाओं और अन्य आपात स्थितियों में आर्थिक सहायता।
ई-श्रम कार्ड के दीर्घकालिक लाभ
सामाजिक सुरक्षा का विस्तार
ई-श्रम कार्ड असंगठित श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इससे श्रमिकों को न केवल आर्थिक सहायता मिलती है, बल्कि उनके जीवन स्तर में भी सुधार होता है। सामाजिक सुरक्षा का विस्तार निम्नलिखित तरीकों से होता है:
- सुरक्षित भविष्य: पेंशन योजनाओं के माध्यम से श्रमिकों को बुढ़ापे में वित्तीय सुरक्षा मिलती है।
- स्वास्थ्य सुरक्षा: स्वास्थ्य योजनाओं के तहत चिकित्सा लाभ प्राप्त कर श्रमिक और उनके परिवार स्वस्थ रह सकते हैं।
- शिक्षा और कौशल विकास: शिक्षा और कौशल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से श्रमिकों और उनके बच्चों के भविष्य में सुधार होता है।
वित्तीय समावेशन का प्रभाव
वित्तीय समावेशन असंगठित श्रमिकों के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव लाता है। बैंकिंग सेवाओं तक पहुंच और वित्तीय सहायता प्राप्त करने के कारण, श्रमिकों की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। वित्तीय समावेशन के लाभों में शामिल हैं:
- आसान ऋण प्राप्ति: बैंक खातों के माध्यम से श्रमिक आसानी से ऋण प्राप्त कर सकते हैं, जिससे उन्हें अपने व्यवसाय को बढ़ाने और व्यक्तिगत जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलती है।
- डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर: सरकारी लाभ और सब्सिडी सीधे श्रमिकों के बैंक खातों में स्थानांतरित होने से समय पर और बिना किसी परेशानी के वितरण सुनिश्चित होता है।
- बचत और निवेश: बैंकिंग सेवाओं के माध्यम से श्रमिक बचत और निवेश कर सकते हैं, जिससे उनकी वित्तीय स्थिरता बढ़ती है।
रोजगार के अवसरों में वृद्धि
ई-श्रम पोर्टल न केवल श्रमिकों को रोजगार के अवसर प्रदान करता है, बल्कि उनकी कौशल क्षमता को भी बढ़ाता है। नियोक्ताओं और श्रमिकों के बीच बेहतर संपर्क और कौशल विकास कार्यक्रमों की जानकारी से रोजगार के अवसरों में वृद्धि होती है। रोजगार के अवसरों में वृद्धि के लाभों में शामिल हैं:
- नियमित आय: रोजगार प्राप्त करने से श्रमिकों को नियमित आय मिलती है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
- कौशल विकास: कौशल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से श्रमिकों की कौशल क्षमता बढ़ती है, जिससे उन्हें बेहतर नौकरी के अवसर प्राप्त होते हैं।
- सुरक्षित रोजगार: नियोक्ताओं के साथ बेहतर संपर्क से श्रमिकों को सुरक्षित और स्थिर रोजगार मिलता है।
ई-श्रम कार्ड की चुनौतियाँ
जागरूकता की कमी
ई-श्रम कार्ड की सफलता के लिए असंगठित श्रमिकों में जागरूकता का होना महत्वपूर्ण है। हालांकि सरकार और विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों द्वारा जागरूकता अभियानों का संचालन किया जा रहा है, फिर भी ग्रामीण क्षेत्रों और दूरदराज के इलाकों में जागरूकता की कमी एक बड़ी चुनौती है।
पंजीकरण प्रक्रिया में चुनौतियाँ
यद्यपि पंजीकरण प्रक्रिया को सरल और उपयोगकर्ता-मित्रवत बनाया गया है, फिर भी कई श्रमिकों के लिए ऑनलाइन पंजीकरण करना कठिन हो सकता है। तकनीकी जानकारी और इंटरनेट की पहुंच की कमी के कारण कई श्रमिक पंजीकरण नहीं कर पा रहे हैं।
जानकारी का अद्यतनीकरण
असंगठित श्रमिकों के जीवन की स्थिति में तेजी से बदलाव होते रहते हैं। उनके रोजगार, पते और अन्य जानकारी में बदलाव को अद्यतित रखना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। जानकारी के अद्यतनीकरण के लिए एक सुव्यवस्थित प्रक्रिया की आवश्यकता है।
भविष्य की दिशा
डिजिटल समावेशन
डिजिटल समावेशन असंगठित श्रमिकों के जीवन में सुधार लाने के लिए महत्वपूर्ण है। इसके लिए तकनीकी जानकारी और इंटरनेट की पहुंच को बढ़ावा देना आवश्यक है। डिजिटल समावेशन के लिए सरकार और गैर-सरकारी संगठनों को मिलकर काम करना होगा।
नीति सुधार
असंगठित श्रमिकों के कल्याण के लिए सरकार को नीतिगत सुधार करने की आवश्यकता है। इसमें श्रमिकों के अधिकारों की सुरक्षा, बेहतर कार्य स्थितियों की व्यवस्था और सामाजिक सुरक्षा का विस्तार शामिल है।
सामुदायिक भागीदारी
सामुदायिक भागीदारी असंगठित श्रमिकों के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण है। स्थानीय समुदायों, गैर-सरकारी संगठनों और सरकार को मिलकर श्रमिकों की समस्याओं का समाधान करना होगा और उन्हें समर्थन प्रदान करना होगा।
निष्कर्ष
ई-श्रम कार्ड असंगठित श्रमिकों के जीवन में सुधार लाने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। यह न केवल उन्हें सामाजिक सुरक्षा और वित्तीय समावेशन का लाभ प्रदान करता है, बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ाता है। हालांकि, इसके सफल कार्यान्वयन के लिए जागरूकता, डिजिटल समावेशन, नीतिगत सुधार और सामुदायिक भागीदारी आवश्यक है। ई-श्रम कार्ड की पहल से असंगठित श्रमिकों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आ सकते हैं, जिससे उनका आर्थिक और सामाजिक स्तर बेहतर हो सकता है।